नई दिल्ली: संसद की एक स्वास्थ्य संबंधी संसदीय समिति है। इसने सीडीएससीओ की कार्य प्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए हैं। समिति का आरोप है कि इस संस्था के रवैए से मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री को न सिर्फ नुकसान पहुंचा है, बल्कि भारत से मेडिकल इंडस्ट्री के बाजार को भी छीन रही है। संसदीय समिति का आकलन बेहद चिंता का विषय है। समिति ने सरकार को कुछ जरूरी सुझाव भी दिए हैं ताकि सीडीएससीओ में चल रहे लाइसेंस राज को खत्म किया जा सके।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सीडीएससीओ के मनमाने रवैये से मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री को नुकसान हो रहा है। यह संस्था जिस प्रकार से लाइसेंस देने से लेकर दूसरी प्रक्रियाओं में देरी और मनमानी करती है, उससे बड़ी संख्या में मैन्युफैक्चरिंग इंडस्ट्री वियतनाम और मलेशिया जैसे देशों में शिफ्ट हो गए हैं। यही नहीं, बड़ी संख्या ऐसे मेडिकल डिवाइस मैन्यूफैक्चरर की भी है, जो सीडीएससीओ के रवैये से डरे हुए हैं। यह सब भारत आने से परहेज कर रहे हैं।
स्टार्टअप में भी बाधा
समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि सीडीएससीओ सिर्फ दवा और मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री को लाइसेंस देने में ही देरी नहीं करती, इससे इस इंडस्ट्री के स्टार्टअप के लिए भी रुकावट पैदा हो रही है। ऐसे देश में, जहां की रेगुलेटरी अथॉरिटी सख्ती से काम करती है और किसी प्रोडक्ट को मंजूरी देती है, उसके साथ भी असमान व्यवहार किया जाता है।
इन सुधारों से एक ट्रिलियन डॉलर की होगी अर्थव्यवस्था
समिति की सिफारिश है कि सीडीएसएसीओ अपनी कार्यप्रणाली में सुधार करे और लाइसेंस देने से लेकर दूसरी मंजूरी देने तक की प्रक्रिया को डिजिटलाइज कर पारदर्शी करे। इससे मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री एक ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी। इसके साथ इसको स्टार्टअप को प्रमोट करना चाहिए।
इंडस्ट्री एडवाइजरी बोर्ड बनाने की सिफारिश
सीडीएससीओ की कार्यप्रणाली में सुधार के लिए समिति ने एक स्वतंत्र इंडस्ट्री एडवाइजरी बोर्ड बनाने की सिफारिश की है। इसमें स्टार्टअप प्रतिनिधियों के अलावा इंपोर्टर, हेल्थकेयर प्रोवाइडर्स और अलग-अलग क्षेत्रों के विशेषज्ञों को शामिल किया जाएगा। इस बोर्ड को नई पॉलिसी और दिशा-निर्देश बनाने में भी इनकी सलाह ली जाए।
दवा और मेडिकल इंडस्ट्री को बाजार
भारत में करीब 4.5 लाख करोड़ रुपये का दवा बाजार है। जबकि करीब एक लाख करोड़ रुपये का मेडिकल डिवाइस बाजार है। आने वाले समय में यदि नीतियों में बदलाव किया जाए और प्रक्रिया को सरल बनाया जाए तो न सिर्फ इनका बाजार बढ़ेगा बल्कि रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।