नई दिल्ली: चीन (China) की बढ़ती सैन्य गतिविधियों और क्षेत्रीय तनाव को देखते हुए ताइवान (Taiwan) ने अपनी रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने का फैसला किया है। यूक्रेन और इजरायल के युद्ध अनुभवों से प्रेरणा लेते हुए, ताइवान सरकार ने नागरिकों की सुरक्षा के लिए नई हवाई हमले की चेतावनी और दिशा-निर्देश नीति शुरू करने की योजना बनाई है। यह कदम ताइवान की रणनीति में एक बड़ा बदलाव दर्शाता है, जिसका लक्ष्य संभावित चीनी हमले से नागरिकों और महत्वपूर्ण ढांचे की रक्षा करना है।
नई हवाई हमले की गाइडलाइंस अगले सप्ताह होंगी जारी
ताइवान सरकार अगले सप्ताह नई हवाई हमले (एयर-रेड) गाइडलाइंस जारी करने की तैयारी में है। यह नीति नागरिकों को संकट के समय सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक निर्देश प्रदान करेगी। ताइवान ने यूक्रेन और इजरायल जैसे युद्धग्रस्त देशों के अनुभवों का अध्ययन किया है, ताकि हवाई हमलों से निपटने के लिए प्रभावी उपाय किए जा सकें। एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने बताया, “हम चाहते हैं कि हमारे नागरिक, चाहे वे घर पर हों, कार्यस्थल पर हों या सड़क पर, यह जानें कि खतरे की स्थिति में क्या करना है।”
नई गाइडलाइंस जारी
नई गाइडलाइंस में उन लोगों के लिए विशेष निर्देश शामिल होंगे, जो समय पर शरण स्थलों तक नहीं पहुंच पाते। उदाहरण के लिए, नागरिकों को सलाह दी जाएगी कि यदि वे तुरंत शरण स्थल तक न पहुंच सकें, तो वे “दो दीवारों के बीच छिपें” और “जमीन पर लेटकर मुंह थोड़ा खुला रखें” ताकि विस्फोट की लहर से होने वाला नुकसान कम हो। इसके अलावा, वाहन चालकों के लिए भी अलग से दिशा-निर्देश होंगे। ताइवान की राजधानी ताइपेई जैसे बड़े शहरों में, जहां लोग ऊंची इमारतों में रहते हैं, वहां तीन मिनट के भीतर शरण स्थल तक पहुंचना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, सरकार वैकल्पिक सुरक्षा उपायों पर जोर दे रही है।
नागरिक रक्षा ड्रिल और हान कुआंग अभ्यास
ताइवान हर साल आयोजित होने वाले ‘हान कुआंग’ सैन्य अभ्यास में इस बार नागरिक रक्षा ड्रिल को भी शामिल करेगा। यह अभ्यास जुलाई में पूरे द्वीप पर 10 दिनों तक चलेगा, जो पहले से कहीं अधिक व्यापक होगा। इस दौरान आपातकालीन आपूर्ति केंद्र स्थापित करने का अभ्यास भी किया जाएगा। ताइवान का लक्ष्य है कि नागरिक और सेना दोनों आपात स्थिति में एक साथ मिलकर काम कर सकें।
देशभर में बन रहे शरण स्थल
रूस-यूक्रेन युद्ध से प्रेरित होकर ताइवान ने देशभर में शरण स्थलों का निर्माण तेज कर दिया है। ये शरण स्थल मेट्रो स्टेशनों, शॉपिंग मॉल और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर बनाए जा रहे हैं। ताइपेई में ही 4,600 से अधिक शरण स्थल हैं, जो करीब 1.2 करोड़ लोगों को आश्रय दे सकते हैं, जबकि शहर की आबादी इससे काफी कम है। यह सुनिश्चित करता है कि संकट के समय अधिक से अधिक लोग सुरक्षित रह सकें।
चीन की सैन्य गतिविधियों से बढ़ा तनाव
हाल के महीनों में, चीन ने ताइवान स्ट्रेट में अपनी सैन्य गतिविधियों को तेज कर दिया है। हाल ही में एक दिन में 74 चीनी लड़ाकू विमानों ने ताइवान स्ट्रेट की मध्य रेखा को पार किया, जिसे दोनों पक्षों के बीच अनौपचारिक सीमा माना जाता है। इसके अलावा, चीनी युद्धपोतों की मौजूदगी भी देखी गई है। ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए अपनी सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने कई बार ताइवान को चीन का हिस्सा बताते हुए इसके एकीकरण की बात कही है। ताइवान की खुफिया एजेंसी का दावा है कि चीन ने गुप्त रूप से सैन्य तैयारियां शुरू कर दी हैं, जिससे हमले की आशंका बढ़ गई है।
यूक्रेन और इजरायल से लिया सबक
ताइवान ने यूक्रेन और इजरायल के युद्ध अनुभवों से कई सबक सीखे हैं। यूक्रेन ने रूस के हमलों के खिलाफ प्रभावी चेतावनी प्रणालियों और शरण स्थलों का उपयोग कर नुकसान को कम किया। वहीं, इजरायल का आयरन डोम सिस्टम हवाई हमलों से निपटने में कारगर साबित हुआ है। इन उदाहरणों से प्रेरित होकर ताइवान ने अपनी तटीय सीमाओं पर Hsiung Feng III एंटी-शिप मिसाइलें तैनात की हैं, जो दुश्मन के जहाजों और विमानों को नष्ट कर सकती हैं। साथ ही, F-16 V लड़ाकू विमानों को तैनात रखा गया है। ताइवान की विशेष सेनाएं भी अमेरिका की नेवी सील टीम 6 से प्रशिक्षण ले रही हैं, ताकि किसी भी संभावित हमले का कड़ा जवाब दिया जा सके।
निष्कर्ष
चीन के बढ़ते सैन्य दबाव के बीच ताइवान अपनी रक्षा तैयारियों को अभूतपूर्व स्तर पर ले जा रहा है। नई हवाई हमले की गाइडलाइंस, नागरिक रक्षा ड्रिल और शरण स्थलों का निर्माण ताइवान की रणनीति का हिस्सा हैं। यूक्रेन और इजरायल के अनुभवों से सीखकर ताइवान यह सुनिश्चित करना चाहता है कि वह किसी भी संकट के लिए पूरी तरह तैयार रहे।