नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर इन दिनों एक फिल्म की खूब चर्चा है, लेकिन यह चर्चा हंसी-मजाक और आलोचना के लिए है। दर्शक इसे ‘आदिपुरुष’ से भी बदतर बता रहे हैं और उबाऊ, सस्ता, और हास्यास्पद कहकर ट्रोल कर रहे हैं। यह फिल्म है पाकिस्तानी सिनेमा की ‘परवाज है जुनून’, जो हाल ही में वायरल होकर नेटिजन्स के निशाने पर आ गई है। आइए जानते हैं कि यह फिल्म क्यों बन रही है मजाक का कारण।
परवाज है जुनून’ और उसका विवाद
2018 में रिलीज हुई ‘परवाज है जुनून’ को हसीब हसन ने डायरेक्ट किया और मोमिना दुरैद ने प्रोड्यूस किया। हमजा अली अब्बासी, अहद रजा मीर, और हनिया आमिर जैसे सितारों से सजी इस फिल्म की कहानी पाकिस्तानी वायु सेना पर आधारित है, जिसमें युद्ध, प्रेम, और बलिदान को देशभक्ति के रंग में पेश किया गया। लेकिन दर्शकों का कहना है कि यह न तो प्रेरित करती है और न ही मनोरंजन। सोशल मीडिया पर इसे ‘हॉलीवुड की टॉप गन की सस्ती नकल’ और ’90 के दशक के वीडियो गेम’ जैसा बताकर मजाक उड़ाया जा रहा है।
कमजोर VFX और कहानी पर हंगामा
फिल्म में पाकिस्तानी सैनिकों को युद्ध में विजयी और हीरो के रूप में दिखाया गया है, लेकिन इसके ग्राफिक्स और स्पेशल इफेक्ट्स इतने कमजोर हैं कि दर्शक निराश हो गए। एक यूजर ने तंज कसते हुए लिखा, “पाकिस्तान ने कभी कोई युद्ध नहीं जीता, तो ये भव्य सीन कहां से आए?” एक अन्य ने कहा, “इसके VFX तो भारतीय वेब सीरीज से भी गए-गुजरे हैं।” 12 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने 28 करोड़ का कलेक्शन किया था, लेकिन अब यह ट्रोलिंग की भेंट चढ़ गई है। कई दर्शकों ने इसे इतना बोरिंग बताया कि 15 मिनट से ज्यादा देखना मुश्किल हो गया।
टॉप गन’ की सस्ती कॉपी?
नेटिजन्स ने ‘परवाज है जुनून’ की तुलना टॉम क्रूज की हॉलीवुड फिल्म ‘टॉप गन’ से की और इसे ‘सस्ता टॉप गन’ या ‘टॉप कट’ कहकर चिढ़ाया। आलोचकों का कहना है कि फिल्म में सीन-दर-सीन नकल, कमजोर अभिनय, और खराब स्पेशल इफेक्ट्स इसे हास्यास्पद बनाते हैं। एक यूजर ने लिखा, “यह फिल्म नहीं, बल्कि एक मजाक है।” कई ने सुझाव दिया कि फिल्म में डिस्क्लेमर होना चाहिए कि इसका हकीकत से कोई वास्ता नहीं है।
हनिया आमिर और बॉलीवुड डेब्यू का विवाद
फिल्म की अभिनेत्री हनिया आमिर की बॉलीवुड में दिलजीत दोसांझ के साथ ‘सरदार जी 3’ से एंट्री की चर्चा थी। लेकिन भारत-पाक तनाव, खासकर हाल के पहलगाम हमलों और ऑपरेशन सिंधुर के बाद, उनकी फिल्म को लेकर विरोध बढ़ गया। नतीजतन, माना जा रहा है कि यह फिल्म केवल विदेशी सिनेमाघरों में रिलीज होगी, क्योंकि भारत में पाकिस्तानी कलाकारों पर प्रतिबंध है।
पाकिस्तानी सिनेमा की कमियां उजागर
परवाज है जुनून’ से उम्मीद थी कि यह दर्शकों को प्रेरित करेगी और देशभक्ति का जज्बा जगाएगी, लेकिन यह उल्टा पाकिस्तानी सिनेमा की कमियों को सामने ला रही है। अतिरंजित सैन्य प्रचार और ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ने की कोशिश ने इसे हंसी का पात्र बना दिया। दर्शकों का कहना है कि यह फिल्म न केवल तकनीकी रूप से कमजोर है, बल्कि इसकी कहानी और प्रस्तुति भी निराश करती है।