शाला प्रवेशोत्सव से सरपंच तक, 24 साल की खुशालीबेन रबारी बनेंगी गांव के विकास की प्रेरणा

2006 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से शुरू किए गए शाला प्रवेशोत्सव-कन्या केळवणी महोत्सव के तहत स्कूल में प्रवेश लेने वाली खुशालीबेन अब 27 जून 2025 को उसी कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाएंगी, एक प्रेरणादायक सफर को पूरा करते हुए।

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नई दिल्ली: गुजरात के मेहसाणा जिले की विसनगर तहसील के कडा गांव की 24 वर्षीय खुशालीबेन कानजीभाई रबारी ने हाल ही में हुए ग्राम पंचायत चुनाव में 1320 मतों के भारी अंतर से जीत हासिल कर सरपंच का पद संभाला है। 2006 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की तरफ से शुरू किए गए शाला प्रवेशोत्सव-कन्या केळवणी महोत्सव के तहत स्कूल में प्रवेश लेने वाली खुशालीबेन अब 27 जून 2025 को उसी कार्यक्रम के अंतर्गत बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाएंगी, एक प्रेरणादायक सफर को पूरा करते हुए।

विसनगर के संकलचंद पटेल विश्वविद्यालय में नर्सिंग के अंतिम वर्ष की छात्रा खुशालीबेन ने बताया, ‘नर्सिंग के बाद विदेश में नौकरी के अवसर थे, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व से प्रेरित होकर मैंने राजनीति और सामाजिक सेवा का रास्ता चुना। गांधीनगर और अहमदाबाद में उनके कार्यक्रमों को देखकर नेतृत्व की प्रेरणा मिली।’ अब वे अपने गांव में सड़क, बुनियादी सुविधाओं और अन्य विकास कार्यों के जरिए ग्रामजनों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

खुशालीबेन ने कहा, ‘मुझे ग्रामीणजनों का आशीर्वाद और समर्थन मिला है। गांव की छोटी-बड़ी समस्याओं का समाधान और विकास कार्य मेरी प्राथमिकता होंगे।’ उनके परिवार, जिसमें माता-पिता और दो छोटे भाई शामिल हैं, को उनकी इस उपलब्धि पर गर्व है। उनकी यह सफलता कडा गांव की महिलाओं के लिए एक प्रेरणादायक उदाहरण बन गई है। खुशालीबेन का यह सफर न केवल उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि युवा नेतृत्व और प्रेरणा से ग्रामीण भारत में बदलाव की नई कहानी लिखी जा सकती है।

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