जिंदगीनामा: कुछ भी करिए, लेकिन हमेशा खुद को याद दिलाइए आप यह क्यों कर रहे हैं

जिंदगीनामा में इस बार बातचीत श्रेयश बसर्गे से, जिन्होंने हाल में ही UPSC-CAPF क्रैक किया है। कोल्हापुर के एक गांव से आने वाले श्रेयश की स्कूली शिक्षा जवाहर नवोदय विद्यालय से हुई और मेकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। इंजीनियर बनने की जगह इन्होंने डिफेंस सर्विस में जाना स्वीकार किया। वह यूं कि इनको लगता है कि इस सेवा में शामिल लोगों की जिंदगी अनुशासित और मकसद से भरी होती है।

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  • सफल न होना असफलता नहीं है। यह प्रक्रिया आपको ऐसी योग्यताएं देती है, जो जीवन भर काम आती हैं…श्रेयश बसर्गे

सवाल: आपने डिफेंस सेवाओं को करियर के रूप में क्यों चुना?

जवाब: मैं महाराष्ट्र के कोल्हापुर ​स्थित गडहिंग्लज सरीखे ग्रामीण क्षेत्र से आता हूं। मुझे हमेशा से डिफेंस सर्विसेज के अनुशासित और मकसद से भरी जिंदगी सराहनीय लगती है। स्कूल के दिनों में जब मेरे सीनियर्स NDA में चुने गए, तब से मुझे इसकी प्रेरणा मिली। शुरुआत में परीक्षा पास नहीं कर सका, लेकिन सेवा करने की इच्छा कभी नहीं गई। इंजीनियरिंग के दौरान मैंने रक्षा से जुड़ी रोबोटिक्स परियोजनाओं पर काम किया और सिविल सेवा की तैयारी में CAPF अधिकारियों से मुलाकात हुई। इससे जुनून और भी मजबूत हुआ। CAPF एक अनोखा अवसर देता है, जिसमें फील्ड कमांड, नेतृत्व और टेक्नोलॉजी का मेल है। यह भूमिका मेरे कौशल, स्वभाव और आकांक्षाओं के अनुकूल है।

सवाल: क्या तैयारी से आपके जीवन में कोई बदलाव आया?

जवाब: बिलकुल। परीक्षा पास करने से पहले ही तैयारी ने मुझे बदल दिया। अनुशासन, दृष्टिकोण में विस्तार, और संवाद क्षमता बढ़ी। समय प्रबंधन, आत्मनियंत्रण और उद्देश्य की भावना आई। देश की समस्याओं की समझ और निर्णय लेने की क्षमता भी बढ़ी-यह सभी जीवन में बहुत उपयोगी हैं।

सवाल: तैयारी कैसे की, पढ़ाई के लिए किन स्रोतों पर आप निर्भर रहे?

जवाब: मैंने मानक पुस्तकों, सरकारी वेबसाइटों और OnlyIAS, PIB जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से अध्ययन किया। पेपर-1 के लिए NCERT, राजनीति के लिए लक्ष्मीकांत, इतिहास के लिए स्पेक्ट्रम और करंट अफेयर्स के लिए मासिक पत्रिकाएं पढ़ीं। पेपर-2, जिसमें निबंध व बोधगम्यता आती है, के लिए पिछले साल के प्रश्नपत्र हल किए और उत्तरों की स्पष्ट संरचना पर ध्यान दिया। खुद की नोट्स और रिवीजन चार्ट से याददाश्त मजबूत हुई।

सवाल: और चुनौतियां भी कुछ आईं?

जवाब: मेरी मुख्य चुनौती थी जानकारी का बोझ और आत्म-संदेह। इसका समाधान था-संक्षिप्त नोट्स, सहयोगी समूह से चर्चा और नियमित ब्रेक।

सवाल: चूंकि आपने अपने तरीके से कामयाबी हासिल की है, दूसरे प्रतिभागियों के लिए आपकी क्या सलाह रहेगी कि वह कैसे तैयारी करें?

जवाब: सिलेबस पर टिके रहें और मूल बातों का हर कीमत पर कन्फ्यूजन दूर करें। इतिहास, भूगोल, राजनीति और अर्थव्यवस्था के लिए NCERT पढ़ें। एक विषय के लिए एक ही स्रोत रखें, ताकि भ्रम न हो। करंट अफेयर्स के लिए रोज अखबार पढ़ें और मासिक सारांश देखें। पुराने प्रश्नपत्र हल करें। पेपर-2 के लिए प्रति सप्ताह दो निबंध लिखें और उनकी समीक्षा करें। आखिरी समय के लिए छोटे नोट्स बनाएं और समझ पर ज्यादा ध्यान दें, रटने पर नहीं।

सवाल: आपने तैयारी कब शुरू की?

जवाब: मैंने ग्रेजुएशन के बाद गंभीर तैयारी शुरू की। पहले सिविल सेवा की तैयारी से की, जिससे GS बेहतर हुआ। बाद में मैंने CAPF के सिलेबस अनुसार अपनी रणनीति बदली और पेपर-2 तथा शारीरिक फिटनेस पर ध्यान केंद्रित किया।

सवाल: क्या आप किसी अन्य परीक्षा की तैयारी भी कर रहे हैं?

जवाब: जी हां, मैंने शुरू में UPSC सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की थी। उसका आधार GS और करंट अफेयर्स में काफी मददगार रहा। लेकिन बाद में CAPF के बारे में ज्यादा जानकर मैंने पूरा ध्यान इसी पर केंद्रित किया। अगर मौका मिलेगा तो मैं रक्षा सेवाओं में तकनीकी भूमिका के लिए भी तैयार रहूंगा।

सवाल: क्या आपने सेल्फ-स्टडी की या किसी मार्गदर्शन का सहारा लिया?

जवाब: मुख्य रूप से सेल्फ-स्टडी की। विश्वसनीय स्रोतों जैसे CAPFAC Mentors, यूट्यूब वीडियो और मॉक टेस्ट का सहारा लिया। निबंध लेखन और साक्षात्कार के लिए कुछ मेंटर्स व सीनियर्स की मदद ली, जिन्होंने CAPF पास किया था। सहपाठियों से चर्चा भी बहुत मददगार रही।

इसमें यह हो नहीं सकता कि मैं The Invisible Helping Hand of Rakesh Nikhaj का नाम न लूं। राकेश सर की मार्गदर्शन प्रणाली, खासकर पर्सनालिटी टेस्ट की तैयारी में, मेरे लिए बहुत मददगार रही। उनका वन-टू-वन मेंटरशिप, समय पर फीडबैक और मोटिवेशनल कंटेंट ने मुझे सही दिशा दिखाई।

सवाल: आपने इंटरव्यू की तैयारी कैसे की?

जवाब: मैंने सबसे पहले DAF का विश्लेषण किया, जिसमें CAPF ACMentors की मदद ली। मैंने केवल एक मॉक इंटरव्यू राकेश सर के साथ दिया। उनकी प्रतिक्रिया ने मेरी बहुत मदद की और उसे मैंने असली इंटरव्यू में लागू किया, जिससे मुझे AIR 275 मिला। मैंने अपने उत्तर रिकॉर्ड किए, बॉडी लैंग्वेज पर काम किया और अपने अनुभवों को ईमानदारी से पेश करने का अभ्यास किया।

  • UPSC आपके अतीत को नहीं, वर्तमान क्षमताओं को परखता है। स्पष्टता, मेहनत और निरंतरता से औसत दर्जे के छात्र भी इस परीक्षा में सफल हो सकते हैं। मैं खुद एक ग्रामीण क्षेत्र के साधारण स्कूल से हूं-समर्पण, आपकी पृष्ठभूमि से अधिक मायने रखता है।

सवाल: इस परीक्षा की तैयारी कब से शुरू करनी चाहिए?

जवाब: आदर्श समय ग्रेजुएशन के अंतिम वर्ष से है, जब थोड़ा अकादमिक लचीलापन होता है। गंभीर तैयारी ग्रेजुएशन के बाद शुरू होनी चाहिए ताकि पूरा ध्यान दिया जा सके। जल्दी शुरुआत करने से परीक्षा पैटर्न को समझने और मानसिक मजबूती पाने में मदद मिलती है।

सवाल: आप मोटिवेट कैसे रहते थे?

जवाब: मैं हमेशा खुद को याद दिलाता था कि मैंने क्यों शुरू किया। इस सेवा में जाने की पीछे का मेरा मकसद क्या है। और हमारे लिए वह है-वर्दी पहनने और नेतृत्व करने की चाह। इसके लिए CAPF अधिकारियों की कहानियां पढ़ता, देखता। सहपाठियों से चर्चा करता। और छोटे लक्ष्य पूरे होने पर खुद को सराहता। परिवार से बात करना, गिटार बजाना और स्केचिंग करना मानसिक तनाव कम करता है।

सवाल: आपको लगता है कि UPSC कुछ गुणों के आधार पर चयन करता है, अगर हां तो क्या वो विकसित किए जा सकते हैं?

जवाब: UPSC ईमानदारी, जागरूकता, नेतृत्व, निर्णय क्षमता और संवाद कौशल देखता है। यह विकसित किए जा सकते हैं। मैं भी शुरुआत में अच्छा वक्ता नहीं था, लेकिन बहस और मॉक इंटरव्यू से खुद को सुधारा। यह तैयारी केवल पाठ्यक्रम नहीं, आत्म-विकास की प्रक्रिया है।

सवाल: जो सफल नहीं, उनके लिए कोई संदेश आपका?

जवाब: सफल न होना असफलता नहीं है। यह प्रक्रिया आपको ऐसी योग्यताएं देती है जो जीवन भर काम आती हैं। यही तैयारी राज्य सेवाओं, SSC, बैंकिंग और निजी क्षेत्र में भी काम आती है। थोड़ा विश्राम करें, चिंतन करें और फिर से प्रयास करें। यह यात्रा ही बहुत कुछ सिखाती है।

सवाल: तैयारी के दौरान सामाजिक अलगाव भ्रांति है या हकीकत?

जवाब: पूरा अलगाव जरूरी नहीं है। सीमित सामाजिक संपर्क स्वस्थ रहता है और मानसिक संतुलन बनाए रखता है। अध्ययन समय में ध्यान सबसे महत्वपूर्ण है। अन्य लोगों के साथ विचार और करंट अफेयर्स की चर्चा सीखने में सहायक होती है। अनुशासन जरूरी है, न कि अकेलापन।

सवाल: एक औसत दर्जे के छात्र की कितनी संभावना है?

जवाब: बिलकुल संभव है। UPSC आपके अतीत को नहीं, वर्तमान क्षमताओं को परखता है। स्पष्टता, मेहनत और निरंतरता से औसत छात्र भी इस परीक्षा में सफल हो सकते हैं। मैं खुद एक ग्रामीण क्षेत्र के साधारण स्कूल से हूं-समर्पण, आपकी पृष्ठभूमि से अधिक मायने रखता है।

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