गयाजी: सूबे के उपमुख्यमंत्री और भाजपा के कद्दावर नेता सम्राट चौधरी ने क्राइम के मोर्चे पर राजद प्रमुख लालू यादव और उनके परिवार पर निशाना साधा है। सम्राट चौधरी के मुताबिक, बिहार के लोग लालू-राबड़ी शासन के जंगलराज के वह दिन भूले नहीं हैं, जब सूबे में सब जगह भय का माहौल था। मौजूदा सरकार ने अधिकारियों को छूट दी है कि अगर अपराधी गोली चलाते हैं तो उसका जवाब भी गोली से दिया जाए।
यही वजह है कि सूबे में शांति और सद्भाव का माहौल है। कानून का शासन चल रहा है। गुंडे मवाली दुबके हुए हैं। माफिया के पीछे पुलिस पड़ी है। इसके साथ ही उन्होंने बिजली, सड़क और रोजगार के मामले में सरकार की उपलब्धियों की भी चर्चा की। सम्राट चौधरी बृहस्पतिवार गया के गुरुआ में एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे।
उपमुख्यमंत्री शहीद जगदेव बाबू की स्मृति में आयोजित सम्मान समारोह में वह बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए थे। हाल ही में पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य के रूप में नामित हुए भाजपा से जुड़ाव रखने वाले दांगी समाज के स्थानीय नेता अमित कुमार दांगी की पहल पर विधानसभा चुनावों की घोषणा के ऐन पहले आयोजित इस कार्यक्रम में सम्राट चौधरी की शिरकत को अहम माना जा रहा है।
गुरुआ में दूसरे नंबर पर रही भाजपा
पिछले चुनावों में भाजपा गुरुआ सीट पर 64 हजार वोट हासिल करने के बाद भी दूसरे नंबर पर रही थी। राजद के विनय कुमार यादव ने 70 हजार वोट हासिल कर चुनावी बाजी जीत ली थी। दांगी समाज की गोलबंदी यहां राजद का खेल बिगाड़ सकती है।

नीतीश-मोदी की भी चर्चा
सम्राट चौधरी ने शहीद जगदेव बाबू को गरीबों-पिछड़ों का मसीहा बताते हुए उनके योगदान को याद किया। इसके साथ ही नीतीश सरकार के विकास के काम काज को लेकर भी विस्तृत चर्चा की। अपने भाषण में उन्होंने कर्पूरी ठाकुर से लेकर सम्राट अशोक तक की चर्चा की। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि मोदी जब प्रधानमंत्री बने तो पाकिस्तान को करारा जवाब देने से लेकर रामलला को उनके भव्य मंदिर में स्थापित करने तक का ऐतिहासिक काम किया।
आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस को घेरते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 1950 में जवाहर लाल नेहरू ने आरक्षण खत्म करने के लिए सभी मुख्यमंत्रियों को चिट्ठियां लिखी थीं। कर्पूरी ठाकुर की सरकार में पहली बार अति पिछड़ों को आरक्षण मिला। वर्ष 2015 में नीतीश सरकार ने दांगी को भी अति पिछड़ी जाति में शामिल कर न्याय दिलाया। मगध और शाहाबाद के इलाके में दांगी समाज के मतदाताओं की संख्या अच्छी खासी है। दांगी समाज में शहीद जगदेव प्रसाद की अतुलनीय प्रतिष्ठा है।
मगध और शाहाबाद में एनडीए का प्रदर्शन रहा कमजोर
मगध और शाहाबाद क्षेत्र में पिछले लोकसभा चुनावों के दौरान एनडीए को अपेक्षित सीटें नहीं मिलने का दर्द भी उनके भाषण में छलका। पिछले लोकसभा चुनाव में शाहाबाद की सभी चार सीटों पर महागठबंधन के कब्जे के साथ मगध प्रमंडल की चार में से दो सीटों पर भी महागठबंधन के प्रत्याशी आगे रहे थे। मगध प्रमंडल में विधानसभा की कुल 26 सीटें हैं।

शहीद जगदेव प्रसाद
अरवल जिले के कुर्था के कुरहारी गांव में शिक्षक प्रयाग नारायण कुशवाहा और गृहिणी रसकली देवी के घर 2 फरवरी 1922 को जन्मे जगदेव प्रसाद ने अर्थशास्त्री, पत्रकार और राजनीतिज्ञ के रूप में अपनी पहचान बनाई थी। एक सत्याग्रह के दौरान कुर्था में हुए गोलीकांड में पांच सितंबर 1974 को उनकी हत्या कर दी गई थी। कुर्था से 1967 में चुनाव जीतकर वह पहली बार विधायक बने थे। उन्होंने 1972 में शोषित समाज दल का गठन किया था।
इससे पूर्व जनता और सिटीजन अखबार का संपादन भी उन्होंने किया था। पटना विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र और साहित्य में स्नातकोत्तर स्तर की पढ़ाई करने के बाद वह राजनीति में आए थे। शोषित वर्ग की आवाज उठाने के कारण उन्हें बिहार का लेनिन भी कहा जाता है।