केमिकल वॉर की स्थिति से भी निपटने को तैयार है CISF

फायर फाइटिंग से देश ही नहीं विदेशी एजेंसी को भी CISF लैस कर रहा है। केमिकल वॉर के समय किस तरह से करें इसकी भी ट्रेनिंग, घनी आबादी वाले शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों की चुनौतियों को नजरअंदाज किए बिना समाधान पर जोर इस सुरक्षा बल का है। 22 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के 150 शहरों में 380 कर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है।

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नई दिल्ली: विश्व में जिस तरह की युद्ध की स्थिति बनी हुई है इसे लेकर भारतीय अर्द्ध सैनिक बल पूरी तरह से तैयारी में है। रासायनिक युद्ध से निपटने के लिए भी CISF राष्ट्रीय स्तर पर फायर फाइटिंग ट्रेनिंग पर जोर दे रहा है। देश ही नहीं, विदेशी एजेंसी को भी CISF ट्रेंड कर रहा है। साथ ही केमिकल वॉर के समय किस तरह से अर्द्ध सैनिक बल बचाव करें, इसकी भी ट्रेनिंग दी जा रही है।

केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) भारत का एकमात्र केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) है, जिसके पास एक समर्पित अग्निशमन विंग है। एक राष्ट्रव्यापी अग्निशमन ट्रेनिंग कार्यक्रम का संचालन कर रहा है। इसके तहत परिष्कृत अग्नि प्रतिक्रिया तंत्र, रासायनिक, जैविक, रेडियोलॉजिकल और परमाणु Chemical, Biological, Radiological, and Nuclear (CBRN) आपात स्थितियों के लिए तैयारी और रासायनिक युद्ध एजेंटों से निपटने जैसे उन्नत विषयों को शामिल किया गया है, जो आधुनिक खतरों की विकसित प्रकृति को दर्शाता है।

केंद्रीय गृह मंत्री ने CISF को 100 भारतीय शहरों के अग्निशमन कर्मियों को प्रशिक्षित करने का विशेष दायित्व सौंपा है। इस निर्देश के बाद, CISF ने राज्य अग्निशमन सेवा कर्मियों के कौशल को भी उन्नत कर रहा है और एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार किया। 2023-24 के दौरान, हैदराबाद में CISF के अग्निशमन सेवा प्रशिक्षण संस्थान (FSTI) ने 11 प्रशिक्षण बैचों का आयोजन किया, जिसमें 113 शहरों के 274 अग्निशमन कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया। वर्ष 2025 में इस पहल को और गति मिली, जब पांच अतिरिक्त प्रशिक्षण बैच को कौशल बनाने में सफलता मिली।

150 शहरों के 380 अग्निशामकों को प्रशिक्षित

पांचवां प्रशिक्षण सत्र 25 अगस्त, 2025 को शुरू होने वाला है। इस अभियान के तहत 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के कुल 150 शहरों के 380 अग्निशामकों को प्रशिक्षित किया गया। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आधुनिक अग्निशमन और बचाव तकनीकों के साथ-साथ महत्वपूर्ण आपदा प्रबंधन कौशल पर ध्यान केंद्रित करने के लिए डिजाइन किया गया है। घनी आबादी वाले शहरों और औद्योगिक क्षेत्रों में उभरती चुनौतियों का समाधान करने पर विशेष जोर दिया जाता है। 

CISF के प्रवक्ता ने बल की इस अनूठी पहल पर बताया कि एक समर्पित फायर विंग के साथ एकमात्र CAPF के रूप में, CISF अग्निशमन कर्मियों के तकनीकी कौशल को बढ़ाने और अग्नि सुरक्षा और आपदा प्रबंधन तैयारियों के लिए बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। जिससे यह सुनिश्चित होता है कि हमारे अग्निशामक न केवल समय पर आपातकालीन प्रतिक्रिया के लिए बल्कि रोकथाम के लिए भी सशक्त हैं। हैदराबाद में FSTI अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस और भारत में अग्निशमन प्रशिक्षण की आधार शिला है। यह न केवल CISF कर्मियों को प्रशिक्षण प्रदान करता है, बल्कि विभिन्न राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के सदस्यों को भी बेहतर प्रशिक्षण देता है। CISF का लक्ष्य राज्य अग्निशमन सेवाओं के साथ अपनी साझेदारी को और मजबूत करना है। जो भारत सरकार के आपदा-प्रतिरोधी दृष्टिकोण के अनुरूप होगा।

डिटेक्शन किट से घुले जहर का पता लगाते है जवान

केमिकल वार से निपटने के लिए डिटेक्शन किट जवानी को दिया जाता है। ताकि केमिकल डिटेक्शन कर सके। पानी, हवा, मिट्टी में किसी तरह के जहर घुले है इसकी पहचान कर सके। मालदीव, भूटान और नेपाल के जवानों को भी ट्रेनिंग दी जा रही है।

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