नई दिल्ली: दिल्ली सरकार वायु प्रदूषण को लेकर सख्त है। ऐसे में दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने सोमवार को दिल्ली सचिवालय में अत्याधुनिक तकनीक से लैस मशीनों का निरीक्षण किया, जो वायु प्रदूषण और धूल नियंत्रण में क्रांतिकारी बदलाव लाने के लिए तैयार हैं। इन मशीनों में नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया गया है, जो दिल्ली को स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने कहा कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की गंभीर समस्या से निपटने के लिए सरकार ने ठोस रणनीति बनाई है, जिसके तहत प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में हाई-टेक मशीनें तैनात की जाएंगी। इस अवसर पर पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा और पर्यावरण विभाग के वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक योजना
मुख्यमंत्री ने बताया कि सड़कों पर जमा धूल, मिट्टी और कचरा दिल्ली की हवा को दूषित कर रहा है, जिससे नागरिकों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। इस समस्या से निपटने के लिए दिल्ली सरकार ने अपने बजट में विशेष प्रावधान किए हैं। इसके तहत जल्द ही 460 वॉटर स्प्रिंकलर मशीनें, 70 मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीनें, 70 लिटर पिकर मशीनें, वॉटर टैंकर और डस्ट डंप वाहन दिल्ली की सड़कों पर उतारे जाएंगे। ये मशीनें जीपीएस, सीसीटीवी, AQI मॉनिटर, वीडियो एनालिटिक्स, मोबाइल ऐप और IoT सेंसर्स जैसी उन्नत तकनीकों से सुसज्जित होंगी।
सचिवालय में इन मशीनों का डेमो
आज दिल्ली सचिवालय परिसर में राजधानी की वायु गुणवत्ता सुधारने और सड़कों को स्वच्छ रखने के लिए लगाए जा रहे अत्याधुनिक उपकरणों – Electric Mechanical Road Sweeping Machine, CNG Mechanical Road Sweeping Machine, Water Sprinkler Machine Integrated with Anti-Smog Machine, Litter Picker… pic.twitter.com/M7RRZyicrn
— CMO Delhi (@CMODelhi) June 16, 2025
- एंटी-स्मॉग गन के साथ वॉटर स्प्रिंकलर मशीन
इस मशीन में 17,000 लीटर क्षमता का वॉटर टैंक है, जो 4 घंटे तक लगातार पानी का छिड़काव कर सकती है। 50 माइक्रोन नोजल के जरिए यह PM 2.5 और PM 10 जैसे हानिकारक कणों को कम करने में प्रभावी है। यह मशीन पेड़ों पर जमी धूल को भी साफ कर सकती है।
2. इलेक्ट्रिक मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन
3.5 मीटर की स्वीपिंग चौड़ाई के साथ यह मशीन एक शिफ्ट में 40-45 किमी सड़कों की सफाई कर सकती है। इसमें 880 लीटर का वॉटर टैंक है, जिसे 2000 लीटर तक बढ़ाया जा सकता है। यह धूल के साथ-साथ छोटे पत्थर और कचरे को हटाने में सक्षम है।
3. सीएनजी मैकेनिकल रोड स्वीपिंग मशीन
यह मशीन 3.5 मीटर की चौड़ाई के साथ 8-10 किमी/घंटा की गति से काम करती है और PM 2.5 व PM 10 कणों को कम करने में प्रभावी है।
4. लिटर पिकर मशीन
बैटरी चालित इस मशीन में 220 लीटर की बिन क्षमता है। यह 8-10 घंटे तक लगातार काम कर सकती है। यह IoT तकनीक, स्वचालित ब्रेकिंग, फायर प्रिवेंशन सिस्टम और जीपीएस से लैस है। जो छोटे कचरे से लेकर कांच की बोतलों तक को हटाने में सक्षम है।
5. वॉटर जेटिंग मशीन
500 लीटर वॉटर टैंक वाली यह इलेक्ट्रिक मशीन 6-8 घंटे तक काम कर सकती है। इस बीच यह 125 किमी की दूरी तय करेगी। इसमें जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम भी शामिल है।
दिल्ली को स्वच्छ बनाने का संकल्प
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में दिल्ली सरकार ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए व्यापक योजना बनाई है। कैबिनेट ने स्वच्छता और धूल नियंत्रण योजना को मंजूरी दी है। इसके तहत 1000 से अधिक वॉटर स्प्रिंकलर मशीनें (मानसून को छोड़कर) साल भर सक्रिय रहेंगी। इन मशीनों की निगरानी सेंट्रल कंट्रोल रूम से होगी ताकि उनकी कार्यक्षमता सुनिश्चित की जा सके।
नागरिकों से सहयोग की अपील
मुख्यमंत्री ने दिल्लीवासियों से अपील की कि वे सड़कों पर कचरा न फेंके। निर्माण नियमों का पालन करें और सरकार के प्रयासों में सहयोग करें। स्वच्छ और प्रदूषण मुक्त दिल्ली का सपना तभी साकार होगा, जब नागरिक सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। वहीं, पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह पहल दिल्ली को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने की दिशा में बड़ा कदम है। हाई-टेक मशीनों के जरिए सड़कों की नियमित सफाई और वॉटर स्प्रिंकलिंग से धूल और प्रदूषण को प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया जाएगा। उन्होंने नागरिकों से इस अभियान में सहयोग करने की अपील की ताकि दिल्ली को सांस लेने योग्य शहर बनाया जा सके।