नई दिल्ली: इजरायल और ईरान के बीच चल रहे तीखे संघर्ष के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक सनसनीखेज दावा किया है। एक मीडिया बातचीत में उन्होंने कहा कि ईरान का शासन अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने परमाणु हथियार कार्यक्रम के लिए सबसे बड़ा खतरा मानता था और उनकी हत्या की साजिश रच चुका था।
नेतन्याहू ने कहा, “ईरान के लिए ट्रंप दुश्मन नंबर एक थे। उनकी सख्त नीतियों ने ईरान के परमाणु सपनों पर लगाम लगाई थी, जिसके चलते ईरान ने उन्हें खत्म करने की योजना बनाई।” उन्होंने यह भी कहा कि ईरान सिर्फ इजरायल को ही नहीं, बल्कि हर उस ताकत को निशाना बनाता है जो उसके परमाणु हथियारों के खिलाफ खड़ी होती है।
नेतन्याहू के घर पर हमला
फॉक्स न्यूज से बातचीत में नेतन्याहू ने बताया कि ईरान ने उनके निजी आवास को भी निशाना बनाया था। उन्होंने कहा, “मेरे बेडरूम की खिड़की पर मिसाइल दागी गई।” ट्रंप के साथ अपनी साझेदारी का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इजरायल और अमेरिका मिलकर ईरान के परमाणु खतरे को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। नेतन्याहू ने दावा किया कि इजरायल की कार्रवाइयां वैश्विक सुरक्षा के लिए जरूरी हैं।
चौथे दिन भी मिसाइलों की बौछार
इजरायल और ईरान के बीच युद्ध चौथे दिन भी जारी है। ईरान ने शिराज से इजरायल के कई शहरों, जैसे तेल अवीव, हाइफा, यरुशलम और बेयर शेवा पर बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। हमलों के बाद हाइफा में कई जगहों पर आग लगने की खबरें हैं। इजरायली सेना ने कहा कि ईरानी मिसाइलों ने कई इलाकों में नुकसान पहुंचाया है। वहीं, ईरान का दावा है कि इजरायल के तीन दिनों के हमलों में 224 लोग मारे गए और 1200 से ज्यादा घायल हुए हैं।
ईरान के खिलाफ इजरायल का रुख
नेतन्याहू ने कहा कि इजरायल ने अपनी सैन्य कार्रवाइयों से ईरान के परमाणु कार्यक्रम को काफी पीछे धकेल दिया है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को समर्थन देने वाली सरकार के साथ बातचीत का कोई रास्ता नहीं है। इजरायल, ईरान के परमाणु और मिसाइल खतरे को खत्म करने के लिए हरसंभव कदम उठाने को तैयार है। ईरान ने अभी तक नेतन्याहू के इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।