नई दिल्ली: हर साल 11 जून को विश्व भर के प्रकृति प्रेमी, संरक्षणवादी और वन्यजीव उत्साही लिंक्स नामक रहस्यमयी बिल्ली प्रजाति पर ध्यान केंद्रित करते हैं। अंतरराष्ट्रीय लिंक्स दिवस (International Lynx Day) के रूप में मनाया जाने वाला यह वार्षिक आयोजन लिंक्स की चार जीवित प्रजातियों-यूरेशियन लिंक्स (लिंक्स लिंक्स), इबेरियन लिंक्स (लिंक्स पार्डिनस), कनाडा लिंक्स (लिंक्स कैनेडेंसिस) और बॉब कैट (लिंक्स रूफस) का उत्सव मनाता है। यह दिन इन प्रजातियों के संरक्षण, उनके पारिस्थितिक महत्व और बदलते पर्यावरण में उनके सामने आने वाली चुनौतियों के प्रति जागरूकता फैलाने का अवसर प्रदान करता है।
इस दिवस की शुरुआत 2017 में इंटररेग सेंट्रल यूरोप थ्री लिंक्स प्रोजेक्ट द्वारा की गई थी, जो ऑस्ट्रिया, चेक गणराज्य, हंगरी, इटली, रोमानिया, स्लोवाकिया और स्लोवेनिया जैसे देशों में संरक्षण संगठनों को जोड़ने वाली एक सीमा पार पहल थी। इसका लक्ष्य कार्पेथियन और दीनारिक-पूर्वी अल्पाइन क्षेत्रों में लिंक्स की आबादी को पुनर्जनन करना और मानव-वन्यजीव सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना था। इस दिन को स्थानीय समुदायों, स्कूलों और नीति निर्माताओं को यूरेशियाई लिंक्स की पारिस्थितिकी के बारे में शिक्षित करने और उनके संरक्षण के लिए प्रेरित करने के मंच के रूप में शुरू किया गया था।
2018 तक अन्य यूरोपीय परियोजनाओं ने इस पहल को अपनाया। 11 जून के तकरीबन लाइफ लिंक्स परियोजना ने कार्यशालाओं, सार्वजनिक चर्चाओं और कैमरा-ट्रैप प्रदर्शनियों के आयोजन की शुरुआत की। ऐसे में समय के साथ-साथ आयोजन यूरोप से आगे बढ़कर वैश्विक स्तर पर लिंक्स संरक्षण का विस्तार हो गया है। अब उत्तरी अमेरिका और एशिया के संगठन भी इस दिन कनाडा लिंक्स की बोरियल जंगलों पर निर्भरता, इबेरियन लिंक्स की 2002 में 100 से कम से 2024 तक 2,000 से अधिक की उल्लेखनीय वृद्धि, और बॉब कैट की अमेरिकी दक्षिण से कनाडाई रॉकीज तक पारिस्थितिकी तंत्र में भूमिका को रेखांकित करते हैं।
लिंक्स का महत्व और उनकी पारिस्थितिकी व सांस्कृतिक भूमिका
मध्यम आकार के मांसाहारी या सर्वाहारी (मेसो प्रेडेटर) के रूप में, लिंक्स अपने पर्यावरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे खरगोशों, कुतरने वाले जीवों और छोटे खुर वाले जानवरों का शिकार करके उनकी आबादी को नियंत्रित करते हैं। इससे अतिचारण रुकता है और जंगलों व झाड़ीदार क्षेत्रों का स्वास्थ्य बना रहता है। उनकी मौजूदगी स्वस्थ और कम मानवीय हस्तक्षेप वाले आवासों का संकेत देती है। सांस्कृतिक रूप से, लिंक्स ने विभिन्न महाद्वीपों की लोक कथाओं और कला को प्रेरित किया है।
मध्ययुगीन यूरोप में, यूरेशियाई लिंक्स की तीक्ष्ण दृष्टि ने इसे सतर्कता का प्रतीक बनाया। इबेरियन प्रायद्वीप में, इबेरीयन लिंक्स की संकटग्रस्त स्थिति और उसकी बाद की बहाली संरक्षण की सफलता की मिसाल बन गई। उत्तरी अमेरिका की स्वदेशी संस्कृतियों में, कनाडा लिंक्स और बॉब कैट ऐसी कहानियों का हिस्सा हैं जो प्रकृति के प्रति सम्मान और संतुलित पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व को दर्शाती हैं।
संरक्षण की स्थिति
यूरेशियाई लिंक्स 19वीं सदी के मध्य तक अपने अधिकांश मूल क्षेत्रों से विलुप्त हो गए थे। इसके बाद 1970 के दशक से शुरू हुए कानूनी संरक्षण और पुनर्वास कार्यक्रमों से इनकी यूरोप में वापसी हुई है। इस वक्त यूरोप में इनकी संख्या लगभग 10,000-12,000 होने का अनुमान है। इसमें कार्पेथियन पर्वत श्रृंखला में विस्तार हुआ है। वहीं, आल्प्स पर्वत में धीरे-धीरे पुनर्वास हो रहा है।
इबेरियन लिंक्स की आबादी 2002 में 100 से भी कम से बढ़कर 2024 तक 2,000 से अधिक परिपक्व व्यक्तियों तक पहुंच गई है। इसकी वजह से इसे IUCN रेड लिस्ट में लुप्तप्राय से कमजोर श्रेणी में डाल दिया गया है। इस आयोजन का मकसद लिंक्स की रक्षा और उनके आवासों को बचाए रखने की वैश्विक कोशिशों को प्रोत्साहित करने के लिए है।