पटना: चुनावी सियासत में संख्या बल बहुत अहम है। आमने-सामने की लड़ाई में सभी दलों की कोशिश एक-दूसरे से आगे निकलने की होती है। असल खींचतान गठबंधन में दिखती है, वह भी चुनावी शंखनाद होने के बहुत पहले से ही। बिहार इस वक्त इसी तरह की रस्साकस्सी का अखाड़ा बना हुआ है। दोनों प्रमुख गठबंधनों के भागीदार दल ज्यादा सीटें हासिल करने की जंग लड़ रहे हैं। केंद्र और राज्य में सत्तासीन एनडीए में दो दिनों से संघर्ष सतह पर दिख रहा है।
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के बाद अब केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेकुलर भी सभी 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की ताल ठोंक रही हैं। बेशक इन दोनों दलों का सभी सीटों पर मजबूत जनाधार नहीं है। मतलब साफ है कि केंद्र की मोदी सरकार के दो मंत्री गठबंधन के भीतर दबाव का सियासी दांव आजमाकर अपने लिए ज्यादा सीटें लेने की कोशिश में हैं। लेकिन इसमें सांस एनडीए के प्रमुख घटक दलों की अटकी है। तभी प्रदेश के आला नेताओं ने चुप्पी साध रखी है।
हम की एकदिवसीय कार्यशाला में आया अध्यक्ष का बयान
हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा सेकुलर ने सोमवार एक दिवसीय बिहार विधानसभा प्रभारी कार्यशाला शिविर का आयोजन किया था। इसमें जीतन राम मांझी के बेटे और हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष संतोष सुमन ने बड़ा बयान दिया है।
संतोष कुमार सुमन कहा कि हमारी तैयारी पूरी है, 40 नहीं तो 243 की। यदि हमें 40 सीट नहीं मिलती है तो हम 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। हालांकि, संतोष सुमन सीट बंटवारे या फिर सीटों को लेकर अपनी इच्छा जाहिर करने से बचते दिखे।
बाद में मीडिया को दिए बयान में संतोष सुमन ने कहा कि एनडीए के सभी दल एक जुट हैं। एक होकर चुनाव लड़ेंगे। हम सभी 243 सीटों पर तैयारी कर रहे हैं। 243 सीटों में से 225 सीट हम लोग जीतेंगे। इससे पहले चिराग पासवान ने भी इसी अंदाज मे 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी।
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मनमाफिक सीट का नहीं मिल रहा भरोसा
चिराग पासवान और जीतनराम मांझी में अदावत का एक साल हो गया है। जब अंदरखाने से बात सामने आ रही है कि चिराग को 30 प्लस सीट मिल रही है। वहीं, हम पार्टी को मात्र 6-7 सीट। इससे केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी काफी नाराज दिख रहे हैं। वहीं, चिराग पासवान के बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने पर संतोष मांझी ने कहा कि, चिराग पासवान बिहार से चुनाव लड़े हम उनका स्वागत करते हैं। उनके आगमन से एनडीए को मजबूती मिलेगी। उनके चुनाव लड़ने से एनडीए के साथ साथ हमारी पार्टी को भी मजबूती मिलेगी।
मांझी मांग रहे 40 सीट
जीतनराम मांझी ने कई बार अपने बयान में 40 सीटों पर दावेदारी की थी। सार्वजनिक मंचों से बयानबाजी के साथ मांझी ने उम्मीदवार की भी घोषणा कर दी थी। ऐसे में मांझी को दस से कम सीट पर मान जाना या मनवा लेना बहुत मुश्किल दिख रहा है।