भोजपुर: मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान रविवार बिहार के भोजपुर के आरा पहुंचे। बाबू वीर कुंवर सिंह स्टेडियम से उन्होंने विधानसभा चुनाव का शंखनाद किया। नव संकल्प महासभा में बोलते हुए चिराग पासवान ने कहा कि बिहार में कुछ लोगों ने उनको खत्म करने की बड़ी साजिशें रचीं। उनको तोड़ने के लिए उनके परिवार तक को तोड़ा गया। घर से निकाला गया। लेकिन वह नहीं हारे। इसकी वजह यह रही कि वह शेर के बेटे हैं।
एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद केंद्रीय मंत्री ने ऐलान किया कि उनकी पार्टी बिहार की सभी 243 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी। हालांकि, इसकी वजह उन्होंने एनडीए का चुनावी मजबूती देने को बताया। हमारा लक्ष्य एनडीए का ज्यादा से ज्यादा सीटें जितवाने का है। माना जा रहा है कि सीटों के बंटवारे में वह ज्यादा से ज्यादा हिस्सेदारी चाहते हैं। तभी उन्होंने खुद से सभी सीटों पर चुनाव लड़ने का दावा अभी से ठोक दिया है।
NDA में पड़ी दरार!
जानकारों का कहना है कि सीट बंटवारे पर NDA में इस वक्त सब-कुछ ठीक नहीं है। चिराग पासवान के NDA में असहजता साफ दिख रही है। इसको लेकर कई सवाल उठ रहे हैं। सियासी गलियारे में चर्चा यह भी है कि क्या चिराग सत्ता में साझेदारी चाहते हैं या 2020 की तरह गठबंधन को झटका तो नहीं देंगे? 2020 के विधानसभा चुनाव में LJP ने अकेले चुनाव लड़कर नीतीश कुमार की पार्टी जदयू को नुकसान पहुंचाया था, जबकि पार्टी सिर्फ एक सीट जीत सकी थी।
NDA में सीटों का फार्मूला लगभग तय ऐसे में चिराग का बागी रुख
NDA सीट बंटवारे को लेकर पहले से उथल-पुथल चल रही है। सियासी चर्चाएं है कि BJP और JDU के बीच सीटों का फार्मूला लगभग तय है। बीजेपी और जदयू मिलकर दो सौ से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इसमें जदयू को भाजपा से एक-दो सीट ज्यादा मिल सकती है। बची करीब 35-40 सीटों का बंटवारा चिराग, मांझी और उपेंद्र कुशवाहा के बीच होगा।
ऐसे समय में चिराग की अकेले चुनाव लड़ने की घोषणा ने बिहार का सियासी पारा चढ़ा दिया है। अंदर खेमे में चर्चा यह भी है कि चिराग ने NDA में 30-40 सीटों कि मांग की थी। इसको खारिज कर दिया गया है। इसके बाद चिराग ने यह घोषणा की है। फिलहाल 243 सीटों पर चुनाव लड़ने की बात से JDU और BJP दोनों असहज हैं।