पटना: बिहार विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार पर हमला बोला है। कोलकाता से वापस लौटने पर पटना एयरपोर्ट पर तेजस्वी ने मीडिया से इस बार में विस्तार से बात की। उनका आरोप है कि बिहार में डबल इंजन की सरकार पूरी तरह फेल हो गई है। प्रदेश में न कानून व्यवस्था बची है और न अस्पताल व्यवस्था कायदे से काम कर रही है।
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश कुमार पर कई सवाल दागे है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को शायद इस घटना की जानकारी भी नहीं है। वह इसलिए कि उन्होंने अब तक इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं की। बिहार इस वक्त ‘क्रिमिनल डिसऑर्डर’ में फंसा हुआ है। हर तरफ प्रशासनिक अराजकता फैली है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही।
बिहार के दोनों उपमुख्यमंत्री सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्त
तेजस्वी यादव ने सरकार और उनके सहयोगी नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री और दोनों उपमुख्यमंत्री सिर्फ राजनीतिक कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। सरकार बिहार की जनता का दर्द नहीं समझ रही है। मुजफ्फरपुर की पीड़िता के परिवार से मिलने के लिए सरकार के किसी बड़े नेता के पास समय नहीं है।
बिहार में बढ़ रहा क्राइम ग्राफ
दरअसल, बिहार में मई महीने में अपराधियों ने कई बड़ी घटनाओं कों अंजाम दिया गया है। किसी को गोलियों से भूना गया, तो किसी की चाकू मारकर बेरहमी से हत्या कर दी गई। पटना के बेली रोड पॉश इलाके में दिन – दहाड़े एडीजी के सामने बीच सड़क पर सैकड़ों लोगों की भीड़ पर गोलियां बरसाई। बोरिंग चौराहा पर बाइक सवार अपराधियों ने दिन के उजाले में फायरिंग की। छपरा में डबल मर्डर, बक्सर में ट्रिपल मर्डर, रोहतास में डबल मर्डर ऐसे तमाम आपराधिक घटनाएं हैं। इनमें से कई घटना अपराधी पकड़े गये हैं और कई में अपराधियों में कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है। बावजूद इसके विपक्ष बिहार की कानून व्यवस्था पर सवालिया निशान लगा रहा है।
मुजफ्फरपुर घटना पर PMCH अधीक्षक और प्रभारी अधीक्षक की सफाई
डॉ. इंद्रशेखर ठाकुर, जो कि PMCH अधीक्षक पद पर रहते हुए छुट्टी पर थे, उन्होंने लापरवाही के आरोपों को बेबुनियाद बताया। उनका कहना है कि 26 से 31 मई तक बच्ची SKMCH मुजफ्फरपुर में भर्ती थी। जब उसे PMCH लाया गया, तब तक स्थिति काफी नाजुक और जटिल हो चुकी थी।
अधीक्षक के अनुसार, बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए ENT विभाग के पास ICU की व्यवस्था न होने के कारण उसे गायनी ICU में शिफ्ट किया गया। बच्ची की गले की स्थिति बेहद गंभीर थी। वह इसलिए कि उसका गला कटा हुआ था। यह मेडिकल रूप से पहले से ही एक High Risk Case था और उपचार उसी के अनुसार किया गया।
उधर, डॉ. अभिजीत ने कहा कि राजापाकर विधायक प्रतिमा दास ने अस्पताल को बच्ची के आने की सूचना दी थी। बच्ची जैसे ही दोपहर 1:23 बजे एंबुलेंस से पहुंची, तुरंत रजिस्ट्रेशन कर इलाज शुरू कर दिया गया। गाड़ी में ही प्रारंभिक मेडिकल जांच ENT डॉक्टर ने की। बच्ची को पहले ENT में चेकअप, फिर गायनी ICU में भर्ती किया गया। गायनी ICU में रात भर इलाज चलता रहा। सभी विभागों के डॉक्टर बारी-बारी से पहुंचे। भर्ती के 5 घंटे बाद वेंटिलेटर सपोर्ट पर डाला गया।