जब किसी व्यक्ति को अंग्रेजी में लिखना, पढ़ना, बोलना और समझना आ जाता है तो उसके अंदर गजब का कॉन्फिडेंस दिखता है।

नई दिल्ली: प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने वाले छात्रों को हिंदी और अंग्रेजी ग्रामर की बेसिक समझ होनी चाहिए। आम बोलचाल में महारत हासिल करने के लिए भी यह जरूरी है। सिविल सेवा परीक्षा का ट्रेंड जिस कदर बदला है, उससे हिंदी माध्यम के छात्र अंग्रेजी को अपना रहे हैं। लिहाजा इसकी शुरुआत फंडामेंटल से होनी चाहिए।
आईएएस की तैयारी करने वाले बच्चों को सबसे पहले अपनी अंग्रेजी बेहतर करनी होगी। वजह यह कि परीक्षा में यह कंपलसरी है। 300 अंक का पेपर होता है। इसमें 100 मार्क्स के निबंध, 75 मार्क्स के कॉम्प्रीहेंशन 75 मार्क्स के प्रीसेज और 50 मार्क्स के ग्रामर के हैं। इस पेपर को पास करना आवश्यक है। अगर इसमें फेल होते हैं, तो शेष कॉपियां चेक नहीं होंगी। नतीजतन पूरी तैयारी बेकार जाएगी।
डीएसएल क्लासेज में जो बच्चे पढ़ते हैं, उनको जीरो से पढ़ाने का काम हमारी टीम करती है। अच्छे मटेरियल दिए जाते हैं। क्लास रूम में पढ़ाई करने के साथ ऑनलाइन की भी सुविधा है। ग्रामर पर विशेष फोकस किया जाता है। राइटिंग स्किल बेहतर करने के साथ अच्छी इंग्लिश बोलने की प्रैक्टिस कराई जाती है। जब किसी व्यक्ति को लिखना, समझना और बोलना आ जाता है तो उसके अंदर गजब का कॉन्फिडेंस आ जाता है।
यह सही बात है कि इन दिनों हिंदी मीडियम में पूछे गए सवाल गूगल ट्रांसलेट लगते हैं। इससे सवाल समझने में ही कठिनाई होती है। तभी छात्रों से कहा जाता है कि वह इंग्लिश में सवाल जरूर पढ़े ताकि बेहतर तरीके से उसे समझ सकें।
हिंदी मीडियम में अगर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं तो उन्हें भाषा पर पर पकड़ रखनी होगी। इंग्लिश पढ़ना इसलिए भी जरूरी है कि अच्छे नोट्स, किताब समेत पढ़ने के जो भी रिसोर्स बाजार में हैं, वह ज्यादातर अंग्रेजी में हैं।
डिक्शनरी के सही इस्तेमाल से बन सकते भाषा के जानकार
किसी भी भाषा को सीखने के लिए शब्दों यानी वोकैबुलरी याद होना आवश्यक है। शब्दकोश उस भाषा को सीखने में अहम भूमिका निभाता है। शब्दकोश अगर आपके पास है तो धारा प्रवाह कोई भाषा बोलने में परेशानी नहीं होती।
शब्दों के अर्थ, उनकी उत्पत्ति से लेकर उपयोग तक की जानकारी डिक्शनरी में होती है। हमने भी उन शब्दों का संग्रह करके छोटी डिक्शनरी बनाई है, जिसे पढ़कर बच्चे धारा प्रवाह इंग्लिश बोलते भी है। शब्दों का सबसे प्रामाणिक व्याकरण डिक्शनरी में होता है। इसे पढ़ने की निरंतर दरकार होनी चाहिए। शब्दों का उपयोग ठीक तरह से आ गया तो किसी भी भाषा को गहराई से सीखा जा सकता है।
शब्दों को संचित किया जाता है
शब्दकोश वह खजाना है जिसमें शब्दों की भरमार है। इसका उपयोग आमतौर पर विशेष शब्दों की परिभाषाओं को देखने के लिए किया जाता है। जिन शब्दों को आप नहीं समझते हैं उनका अर्थ खोजने के लिए इसका उपयोग होता है।
एक अच्छा शब्दकोश विषय को बेहतर ढंग से समझने में मददगार होता है। उच्चारण के बारे में जानकारी देता है। अर्थ, उपयोग, व्याकरण, वर्तनी और उच्चारण को बेहतर करता है। शब्दों की व्युत्पत्ति, स्रोत, लिंग, शब्द रूप को समझाता है।