विकसित भारत की नींव बनेंगे अमृत स्टेशन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बृहस्पतिवार अत्याधुनिक तरीके विकसित 102 रेलवे स्टेशन को राष्ट्र को समर्पित किया। इनका नाम अमृत भारत स्टेशन रखा गया है। पीएम ने राजस्थान के बीकानेर स्थित देशनोक रेलवे स्टेशन से देश भर में अमृत भारत स्टेशन का वीडियो कांफ्रेसिंग से उद्घाटन किया। रेलवे बोर्ड की पूर्व सीईओ व सीआरबी जया वर्मा सिन्हा इसकी खासियत बता रही हैं....

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नई दिल्ली: पीएम नरेन्द्र मोदी ने 2023-2024 में 1062 स्टेशनों के पुनर्विकास की नींव रखी थी। इसमें से 102 रेलवे स्टेशन बनकर तैयार हैं। वहीं, 100 स्टेशन अगले आठ महीने में तैयार हो जाएगा। 2027 तक 500 स्टेशनों का कायाकल्प करने का लक्ष्य है। 

जया वर्मा सिन्हा

जया वर्मा सिन्हा बताती हैं कि विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए देश में तेजी और स्पष्ट रूप से बदलाव हो रहा है। इसे हर नागरिक सहजता से देख सकता है, अनुभव कर सकता है। विकास अब केवल नीतियों और भाषणों तक नहीं सिमटा, यह इमारतों, सड़कों और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी साफ-साफ दिखा रहा है।

देश में बने एक्सप्रेसवे पर यात्रा करते हुए महसूस होता है कि राज्यों के बीच संपर्क में सुधार हुआ है। यात्राएं ज्यादा सुगम हो गई हैं। इसका उदाहरण वह आधुनिक हवाई अड्डे हैं, जो अंतरराष्ट्रीय मानकों से मेल खाते हुए भारत को एक वैश्विक पहचान दिलाते हैं। यह परिवर्तन स्मार्ट शहरों के निर्माण के हिस्से के रूप में हो रहा है, जहां आधुनिक तकनीक, स्मार्ट भवनों और दीर्घकालिक योजनाओं के माध्यम से विकास को गति मिल रही है।

पहले रेलवे का नजरअंदाज किया गया

जया वर्मा सिन्हा के मुताबिक, पहले रेलवे का नजरअंदाज किया गया था। लेकिन अब यहां भी बड़े पैमाने पर बदलाव हो रहा है। भारतीय रेलवे स्टेशन कभी भीड़-भाड़ वाले, नीरस स्थान के तौर पर जाने जाते थे। जबकि इस वक्त हर शहर में इनको अत्याधुनिक रूप में देखा जा सकता है। इनका मकसद सिर्फ यात्री को आवागमन की सुविधा देना भर नहीं, एक सांस्कृतिक केंद्र और शहरों की पहचान के रूप में उभारना है। आज रेलवे स्टेशन नई पहचान और उच्चतम मानक वाली सुविधाओं के साथ विकसित हो रहे हैं।

अमृत भारत स्टेशन परियोजना इस बदलाव का केंद्र बिंदु है। भारतीय रेलवे की अगुवाई में, इस परियोजना के तहत देशभर में 1,300 से ज्यादा रेलवे स्टेशनों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। यह सिर्फ भौतिक संरचनाओं और तकनीकी सुविधाओं को जोड़ने का काम नहीं, बल्कि यह भारत के सार्वजनिक स्थानों के प्रति दृष्टिकोण को बदलने की दिशा में एक कदम है।

इस प्रोजेक्ट का मकसद है कि रेलवे स्टेशनों को यात्री सुविधाओं के रूप में विकसित करने के साथ सांस्कृतिक और आर्थिक केंद्र के रूप में भी स्थापित किया जाए। तभी यह आज शहरों की पहचान और जीवनशैली के प्रतीक बन गए हैं। इन स्टेशनों को अब एक नए दृष्टिकोण से डिजाइन किया गया है।

दीर्घकालिक विकास पर ध्यान केंद्रित किया गया है

जया वर्मा सिन्हा का कहना है कि अमृत भारत स्टेशन प्रोजेक्ट का अहम मकसद दीर्घकालिक विकास पर ध्यान केंद्रित करना है। इसमें रेलवे स्टेशनों का मास्टर प्लान भी शामिल है। इससे यात्रियों की संख्या और यातायात को ध्यान में रखा गया है। वहीं, हर स्टेशन के स्थानीय परिप्रेक्ष्य, संस्कृति और शहर के विकास की जरूरतों को भी समाहित करे। यह योजना हर स्टेशन के लिए अनुकूल और जरूरी सुधारों की दिशा में बढ़ रही है। ताकि यात्रियों को अधिक सुविधाजनक और आरामदायक अनुभव मिल सके।

इसमें छोटे बदलावों से कहीं ज्यादा, रेलवे स्टेशनों को एक जीवंत सार्वजनिक स्थल में बदलने की प्रक्रिया है। यह परिवहन, खरीदारी, पर्यटन और सामाजिक मिलन केंद्र के रूप में कार्य करता है। अब इन स्टेशनों का डिजाइन ऐसी योजनाओं पर आधारित है, जो यात्रियों के आराम और उनकी सभी आवश्यकताओं का ख्याल रखे। यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए दिव्यांगों और वृद्धों के लिए लिफ्ट, एस्केलेटर और विशेष रास्ते बनाए जा रहे हैं।

 

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Suman

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