नई दिल्ली: केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने रविवार, 18 मई को त्रिपुरा के कैला शहर एक एकीकृत जल पार्क की नींव रखी। इसकी लागत करीब 42.4 करोड़ रुपये आएगी। इस मौके पर राजधानी अगरतला में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में राज्य की समृद्ध संस्कृति की प्रदर्शनी और विविध मछलियों पर मछली महोत्सव का उद्घाटन भी हुआ।
इस मौके पर राजीव रंजन सिंह ने बताया कि मत्स्य पालन क्षेत्र ने 2014-15 से 9.08 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। देश के 11 एकीकृत जल पार्कों में से 4 पूर्वोत्तर क्षेत्र में बनाए जा रहे हैं। त्रिपुरा में मछली पालन की संभावना को देखते एक पार्क यहां भी बनाया जा रहा है। अभी राज्य में मछली की मांग 1.5 लाख टन है। इसे बढ़ाकर दो लाख टन की गुजारिश केंद्रीय मंत्री ने हितधारकों से की। इससे त्रिपुरा ‘मछली आधिक्य राज्य’ में तब्दील हो सकेगा और यहां से निर्यात की संभावना भी बनेगी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सिक्किम की तरह त्रिपुरा में भी जैविक मछली क्लस्टर जल्द ही विकसित होगा।
दूसरी तरफ केंद्रीय राज्य मंत्री जॉर्ज कुरियन ने कहा कि राज्य की लगभग 98 प्रतिशत आबादी मछली खाती है। प्रदेश की खाद्य सुरक्षा और अर्थव्यवस्था में मत्स्य पालन की अहम है। वहीं, त्रिपुरा के मत्स्य पालन, एआरडीडी व एससी कल्याण मंत्री सुधांशु दास ने बताया कि मत्स्य सहायता योजना के तहत पहचाने गए मछुआरों और मछली किसानों को उनकी आजीविका में सहयोग करने के लिए 6,000 रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता मिल रही है।
केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के सचिव डॉ. अभिलक्ष लिखी ने प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई), मत्स्य पालन और जलीय अवसंरचना विकास निधि (एफआईडीएफ) और प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि सह-योजना समेत दूसरी योजनाओं की जानकारी दी। इन पर करीब 38,000 करोड़ रुपये का निवेश रहा है। पूर्वोत्तर क्षेत्र के लिए 2,114 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसमें त्रिपुरा के लिए 319 करोड़ रुपये शामिल हैं।
त्रिपुरा में मत्स्य पालन की मौजूदा स्थिति
त्रिपुरा ने हर साल एक व्यक्ति करीब 29 किग्रा की मछली खपत है। राज्य में पीएमएमएसवाई के तहत 178 करोड़ रुपये का निवेश हुआ है। वहीं, बीते पांच साल में राज्य ने मत्स्य क्षेत्र में 258.61 करोड़ रुपये मूल्य की 69 स्वीकृत परियोजनाओं को लागू किया है। अकेले कैला शहर में एकीकृत जल पार्क में 42.4 करोड़ रुपये का निवेश किया गया है। यह आधुनिक मछली उत्पादन और विपणन बुनियादी ढांचे की रीढ़ काम करेगा। इससे राज्य में लगभग 100 लोगों के लिए प्रत्यक्ष रोजगार और 500 से अधिक लोगों के लिए अप्रत्यक्ष रोजगार का सृजन होने की उम्मीद है।