नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनेवाल ने बताया कि एसएमएस भारत सरकार की नीतिगत पहल है। इसका मकसद भविष्य के लिए तैयार लैंगिक समानता वाला समुद्री कार्य बल तैयार करना है। इसके लिए समुद्री क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी होगी। मुंबई में शुरू हुई इस पहल में समुद्री क्षेत्र की समावेशिता, परिवर्तन और स्थिरता का स्पष्ट संदेश दिया गया। इस दौरान सोनेवाल ने 100 महिला नाविकों के समूह से बातचीत भी की।
केंद्रीय मंत्री ने कहा, आज का दिन समुद्री क्षेत्र में महिलाओं की भर्ती, प्रतिधारण और निरंतर रोजगार के माध्यम से महिलाओं का उत्सव मनाने के लिए आवश्यक है। इस वर्ष की थीम है – महिलाओं के लिए अवसरों का महासागर। वहीं, 2025 के विश्व समुद्री दिवस की थीम हमारा महासागर, हमारा दायित्व, हमारा अवसर है। इसमें हमें समुद्री क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए।
2014 से सरकार के फोकस की जानकारी देते हुए, केंद्रीय मंत्री ने बताया कि भारत के समुद्री क्षेत्र में महिला नाविकों की संख्या 2014 में 341 से बढ़कर 2024 में 2557 हो गई है। यह करीब 649% की बड़ीबढोत्तरी है। 2014 से ही करीब 2,989 महिला नाविकों को वित्तीय सहायता मिली है। महिलाओं को फलदायी करियर के लिए समुद्री क्षेत्र का पता लगाने के लिए प्रोत्साहित करने के सरकार के निरंतर प्रयास के कारण, वित्तीय सहायता चाहने वाली महिलाओं की संख्या 2014-15 में मात्र 45 से बढ़कर 2024-25 में 732 हो गई है। भारतीय और विदेशी झंडे वाले जहाजों पर भारतीय महिला नाविकों की भागीदारी लगातार बढ़ रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत में पंजीकृत महिला नाविकों में उल्लेखनीय 739% की वृद्धि देखी गई। 2015 में यह संख्या 1,699 थी। 2024 में 14,255 हो गई। यह समुद्री लैंगिक समावेशन में एक दशक की स्थिर प्रगति को चिह्नित करता है। जो नारी शक्ति के साथ हमारे त्रुटिहीन प्रतिभा पूल को निखारने की दिशा में पीएम नरेंद्र मोदी का प्रमुख विचार है।
10 महिलाएं पुरस्कृत
समुद्री क्षेत्र में महिलाओं के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस समारोह में केंद्रीय मंत्री सर्बानंदसोनोवाल ने भारतीय समुद्री क्षेत्र में प्रदर्शन करने वाली 10 महिलाओं को पुरस्कृत भी किया। यह हैं; सुमिता बनर्जी, भारती भंडारकर, कल्पना देसाई, पूनम नागपाल, येन पिंटो, अर्चना सक्सेना संगल, रूपाली राज जोशी, कैप्टन दीप्ति सिंह और अमरजीत रेवाड़ी।