भाजपा का लगेगा चौका या थमेगी हैट्रिक पर पारी?

बिहार के पटना में स्थित सम्राट अशोक का 80 स्तंभों का सभागार मशहूर है। यह कुम्हरार विधान सभा में पड़ता है। इस ऐतिहासिक सीट पर बात कर रहे हैं कुम्हरार से राहुल प्रताप सिंह। इस सीट के पूरे सियासी समीकरण का लेखा-जोखा इसमें शामिल है।

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पटना: सम्राट अशोक के 80 स्तंभों वाले सभागार व दूसरी सुखद स्मृतियों को अपने समेटे ऐतिहासिक कुम्हरार विधानसभा पटना जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में से एक है। यह पटना साहिब लोकसभा के अंतर्गत आता है। कुम्हरार विधानसभा भाजपा के लिए अभेद किला साबित हुई है। इस पर अभी तक बीजेपी को हराया नहीं जा सका है।

2008 में अस्तित्व में आयी कुम्हरार विधानसभा

पटना जिले के अंतर्गत दीघा और बांकीपुर विधानसभा के तरह ही यह 2008 में परिसीमन के बाद अस्तित्व में आयी। यहां अभी तक तीन विधानसभा चुनाव हुए। तीनों बार भाजपा ने बाजी मारी है। इसका बार विपक्षी दल भाजपा को हैट्रिक पर रोकने की कोशिश में हैं, जबकि भाजपा जीत का चौका लगाने के लिए मैदान में उतरेगी।

लगातार तीन चुनाव में भाजपा ने अरुण कुमार सिन्हा पर ही भरोसा जताया। सबसे पहला चुनाव 2010 में हुआ जिसमें भाजपा उम्मीदवार अरुण कुमार सिन्हा ने लोजपा उम्मीदवार मोहम्मद कमाल परवेज को पटखनी दी थी। 2015 में सिन्हा ने कांग्रेस के अकील अहमद और 2020 में राजद के धर्मेंद्र कुमार को हराया है।

इस बार भी भाजपा से सिन्हा को टिकट मिलने की उम्मीद जताई जा रही है। अगर भाजपा आगामी चुनाव जीतती है तो यह उसकी जीत लगातार चौथी बार जीत होगी। 2010 और 2020 के चुनाव में जदयू और भाजपा गठबंधन में थी, तब यह सीट भाजपा के खाते में गई थी। इस चुनाव में एक बार फिर दोनों पार्टियां एक साथ हैं।

आंकड़ों में भाजपा की हैट्रिक

• 2010 विधानसभा चुनाव – अरुण कुमार सिन्हा ( भाजपा ) कुल मत ( 83,425 वोट )

दूसरे नंबर पर मो. कमाल परवेज ( लोजपा ) कुल मत ( 15,617 )

• 2015 विधानसभा चुनाव – अरुण कुमार सिन्हा (भाजपा) कुल मत – ( 87,792 वोट )

दूसरे नंबर पर – अकील हैदर ( कांग्रेस ) कुल मत – ( 50,517 )

• 2020 विधानसभा चुनाव – अरुण कुमार सिन्हा ( भाजपा ) कुल मत – ( 81,400 )

दूसरे नंबर पर – धर्मेंद्र कुमार ( राजद ) कुल मत – (54,937 )

जातीय समीकरण

कुम्हरार विधानसभा में कायस्थ जाति का दबदबा है। शहरी वोटर्स होने का सीधा फायदा बीजेपी को जाता है। चार लाख मतदाता में से करीब एक लाख के आसपास कायस्थ जाति से हैं। इनका झुकाव भाजपा तरफ रहता है। यह सीट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ( RSS ) का भी गढ़ मानी जाती है। दूसरे नंबर पर अति पिछड़ा और भूमिहार मतदाता हैं।

संभावित उम्मीदवार

भाजपा के गढ़ कहे जाने वाली कुम्हरार विधानसभा में प्रत्याशियों की लम्बी सूची है। संभावना अरुण कुमार सिन्हा को टिकट मिलने की जताई जा रही है। चर्चा यह भी है कि लगातार तीन बार से जीतते आ रहे सिन्हा को इस बार टिकट न मिले। ऐसी सूरत में भाजपा की तरफ से कई दावेदार बताए जा रहे हैं। इनमें भाजपा नेता संजय कुमार गुप्ता, पटना के वर्तमान मेयर पुत्र शिशिर कुमार सिन्हा, अभिजीत कश्यप, अश्विनी कुमार उर्फ पंकज सिन्हा का नाम है। दूसरी तरफ जनसुराज से वंदना कुमारी और विकास कुमार ज्योति की भी चर्चा क्षेत्र में है। महागठबंधन से सुमन कुमार मल्लिक उम्मीदवार हो सकते हैं।

विधानसभा में कुल मतदाता

कुल मतदाता : 4.23 लाख

• पुरुष वोटरः 2.25 लाख (53.33%)

• महिला वोटरः 1.97 लाख (46.58%)

• ट्रांसजेंडर वोटरः 34 (0.008%)

इतिहास के पन्नों में कुम्हरार

कुम्हरार विधानसभा अपने में लंबी ऐतिहासिक विरासत को समेटे है। यहां सम्राट अशोक के 80 स्तंभों वाला सभागार है। इसके साथ कुम्हरार पार्क, मोइनुल हक स्टेडियम, पाटलिपुत्र स्टेडियम, दरगाह कर्बला, नालंदा मेडिकल कॉलेज, कृषि उत्पादन बाजार समिति मुसल्लहपुर इसके साथ ही दूर – दराज के इलाके से आये लाखों की संख्या में विद्यार्थी इसी क्षेत्र में रहकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करते है।

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Suman

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