पटना: पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में आने वाली दीघा विधान सभा एक तरह से बिहार की सत्ता का केंद्र है। इसी इलाके में मुख्यमंत्री आवास, राजभवन और पटना के प्रमुख स्थल राजधानी वाटिका पड़ती है। यह सबसे बड़ी विधानसभा है। सबसे ज्यादा बूथ इसी विधान सभा में हैं। इनकी संख्या 400 है। छह पंचायत और 14 वार्ड वाली इस विधान सभा में करीब 4 लाख मतदाता हैं। 2008 के परिसीमन से वजूद में आई इस विधानसभा का सियासी माहौल भी इस वक्त गरम है। तीन बार के चुनाव में एक बार जदयू और दो बार भाजपा ने जीत दर्ज की है।
2010 में हुआ पहला चुनाव
दीघा विधानसभा क्षेत्र में सबसे पहला चुनाव 2010 में हुआ। इसमें जदयू प्रत्याशी पूनम देवी ने सर्वाधिक 81,247 मत हासिल किए और लोक जन शक्ति पार्टी प्रत्याशी रहे सत्यानंद शर्मा को 61,462 वोट से करारी शिकस्त दी। वहीं, 2015 चुनाव में भाजपा के संजीव चौरसिया ने 92,671 वोट हासिल किए। उन्होंने जदयू के राजीव रंजन प्रसाद को हराया। 2020 चुनाव में भी भाजपा ने संजीव चौरसिया दांव लगाया। पार्टी के भरोसे को कायम रखते हुए संजीव चौरसिया ने दूसरी बार जीत दर्ज की। उन्होंने सीपीआई एमल (एल) के शशि यादव को हराया।
संभावित उम्मीदवार
2025 विधानसभा चुनाव में कई प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरेंगे। इसमें एनडीए से अगर यह सीट भाजपा के खाते में गई तो संजीव चौरसिया को टिकट मिलने की उम्मीद है। जबकि जदयू के खाते में जाने से दावेदार सुशील कुमार सुनील मैदान में उतर सकते हैं। पटना से पूर्व मेयर प्रत्याशी रहे रितेश रंजन उर्फ बिट्टू सिंह भी मैदान में सक्रिय हैं। महागठबंधन से अगर भाकपा ( माले) को यह सीट मिलती है तो एक बार फिर शशि यादव उम्मीदवार हो सकती है। शशि यादव फिलहाल विधानपरिषद की सदस्य हैं। दूसरी तरफ जन सुराज पार्टी के तरफ से मीनू सिंह भी दीघा की संभावित उम्मीदवार के तौर पर देखी जा रही हैं।
जातीय समीकरण
दीघा विधानसभा पूरी तरह शहरी है। इसका असर चुनाव में देखने को मिलता है, लेकिन जाति फैक्टर भी यहां काम करता है। यहां कायस्थ, यादव, राजपूत, कोइरी, भूमिहार, ब्राह्मण और कुर्मी वोटरों की अहम भूमिका है। सबसे ज्यादा करीब 25 फीसदी आबादी कायस्थों की है। इसके बाद यादव का दबदबा है। सियासी तौर पर दोनों जातियों की भूमिका निर्णायक है।
कुल मतदाता
कुल मतदाता – 4.50 लाख
पुरुष मतदाता – 2.35 लाख ( 52.35% )
महिला मतदाता – 2.14 लाख ( 47.48 % )
ट्रांसजेंडर मतदाता – 20 ( 0.004% )
(नोट: आंकड़े 2020 विधानसभा चुनाव के अनुसार।)
जल जमाव में फंसी तीस हजार की आबादी
विधान सभा में जलजमाव बड़ी समस्या है। दीघा-पॉलसन रोड के सटे इलाके निराला नगर, जमखाली, दुर्गा कॉलोनी, मॉडल कॉलोनी हल्की बारिश में लबालब हो जाती हैं। सालों से इसका समाधान नहीं निकल सका है। करीब तीस हजार की आबादी वाले इन इलाकों में जलजमाव से स्कूली बच्चे स्कूल नहीं पहुंच पाते। इसके लिए स्थानीय निवासियों ने कई बार जनप्रतिनिधि का घेराव भी किया, लेकिन कोई ठोस हल नहीं निकल सका है।
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